शिमला
हिमाचल प्रदेश के 13 विधायक अपने हलके के लिए दो-दो प्राथमिकताएं भी योजना विभाग को नहीं बता पाए। लोग इस इंतजार में रहते हैं कि उनकी पानी, सिंचाई या सड़क की योजना विधायक प्राथमिकता में डाली कि नहीं, मगर बजट बुक में अपने विधायकों के नाम के आगे कॉलम खाली पाकर यह उनके लिए अबूझ पहेली बनी रहती है। कुछ हलकों में तो हर साल लगभग यही हालात बने हुए हैं। नतीजतन एक अप्रैल से शुरू होने जा रहे आगामी वित्तीय वर्ष 2021-22 की बजट बुक में इनके विधानसभा क्षेत्रों के नाम के सामने के कॉलम खाली छोड़ने पडे़ हैं।
खाली कॉलम में प्राथमिकताएं नहीं मिलने के नोट चढ़ाए गए हैं, जिनसे आगे 25-25 हजार रुपये का टोकन बजट अंकित किया है। बजट बुक में अपनी-अपनी प्राथमिकताएं शामिल करने का विधायकों पर बहुत दबाव रहता है और ऐसे में ‘एक अनार, सौ बीमार’ जैसी स्थिति होती है। अब बजट बुक के छपने के बाद विधायक मर्जी से चुपचाप अपनी प्राथमिकताएं डालेंगे। ‘माननीय विधायक से स्कीम प्राप्त होने पर शामिल की जाएगी’, यह नोट बजट बुक में विधानसभा क्षेत्र से आगे की खाली जगह पर डाला गया है।
‘नव व्यय अनुसूची के परिशिष्ट, माननीय विधायकों द्वारा निर्दिष्ट प्राथमिकताएं’ नाम की यह बजट बुक आगामी क्रियाकलापों के लिए महत्वपूर्ण दस्तावेज है। इसमें प्राथमिकताएं अंकित होने से अफसरशाही पर इन्हें वक्त रहते पूरा करने का दबाव रहता है। दो-दो वास्तविक नई स्कीमें तीन भागों में बजट बुक में शामिल की हैं, जो सिंचाई, सड़क-पुल और पेयजल एवं मल निकास की हैं।
इन हलकों के विधायकों ने शामिल नहीं कीं प्राथमिकताएं
– सिंचाई योजनाएं
झंडूता, बिलासपुर, भटियात, हमीरपुर, भोरंज, नूरपुर, पालमपुर, फतेहपुर, लाहौल-स्पीति, नाचन, धर्मपुर, ठियोग, पच्छाद, कुटलैहड़।
– सड़कें एवं पुल
झंडूता, बिलासपुर, भटियात, नूरपुर, फतेहपुर, जसवां परागपुर, लाहौल-स्पीति, धर्मपुर, ठियोग, पच्छाद, कुटलैहड़।
– पेयजल एवं मल निकास
झंडूता, बिलासपुर, भटियात, नूरपुर, फतेहपुर, लाहौल-स्पीति, ठियोग, पच्छाद, कुटलैहड़।